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jansampark प्रधानमंत्री का नारा भ्रष्टाचार मुक्त हो देश हमारा । किसी अधिकारी को हटाया बहुत ग़लत संदेश होता है। एक वरिष्ठ अधिकारी की क्षमता पर प्रश्न चिन्ह लगा*

*jansampark प्रधानमंत्री का नारा भ्रष्टाचार मुक्त हो देश हमारा । किसी अधिकारी को हटाया बहुत ग़लत संदेश होता है। एक वरिष्ठ अधिकारी की क्षमता पर प्रश्न चिन्ह लगा*

नव पदस्थ जनसंपर्क आयुक्त के लिए पत्र
पूरा पत्र पढ़ने का निवेदन जनसंपर्क विभाग में उच्च पद पर कार्यरत अधिकारियों को पत्रकार को पहचानना ,आवश्यक है , मनीष सिंह जी के पूरे कार्यकाल में सिर्फ एक बार मुलाकात हुई, स्वभाव पत्रकारों के प्रति अच्छा नहीं लगा। बड़े समाचार पत्रों के मालिकों द्वारा किए जा रहे आर्थिक घोटाले में विभाग के अधिकारियों की सहभागिता की शिकायत पुर्व आयुक्त राघवेन्द्र सिंह से की थी, विभाग पर पकड़ न होने से पत्र गायब हो जाते हैं कोई कार्रवाई नहीं हुई तब राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में की उनके द्वारा प्रमुख सचिव जनसंपर्क को भेज दिया, लगता है कि समाचार पत्रों एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले आर्थिक भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कोई सहमत नहीं हैं। भोपाल की आबादी 30 लाख दैनिक समाचार पत्रों की प्रसार संख्या 60 लाख कोरोना काल में। मुझे उम्मीद है कि नये आयुक्त इस प्रकरण को गंभीरता से लेंगे।अहम प्रश्न विज्ञापन और अधिमान्यता के मापदंड नये सिरे से बने, अधिमान्यता समिति सहित अन्य समितियों में श्रम विभाग में पंजीकृत यूनियन के पदाधिकारियों को रखा जाए क्योंकि कौन पत्रकार हैं कौन नहीं,किसे समाचार लिखते आता है किसे नहीं, प्रसार संख्या के आधार पर बड़े समाचार पत्रों के मालिकों या संपादकों को पत्रकारों बह भी ग्रामीण अंचल से मात्र रिस्ता आर्थिक रूप का रहता है। उन्हें न तो नियुक्ति पत्र दिया जाता है और ना ही वेतन ऐसे पत्रकारों के समाचार तो प्रकाशित करते हैं जो पेड न्यूज की श्रेणी में आते हैं। पत्रकार सुरक्षा कानून पर शीघ्र निर्णय लिया जाना चाहिए,नये पत्रकार भवन के निमार्ण की शुरुआत शीघ्र कराने की आवश्यकता है,नये पत्रकार भवन में किसी भी यूनियन या पत्रकार संगठन को स्थान नहीं दिया जाना चाहिए।
पत्रकारों को आवंटित शासकीय आवास के किराए की समस्या के निराकरण हेतु आवेदन दिया गया उस पर भी ध्यान नहीं दिया गया।क्या विभाग में कुछ परिवर्तन होगा या इसी तरह काम , एक यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने फर्जी आर एन आई प्रमाण पत्र के आधार पर जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों की सहभागिता से विभाग से 10 लाख रुपए के विज्ञापन लिए उसकी भी वसूली नहीं की कई बार पत्र लिखा, डाक विभाग ने बसूली कर ली फिर जनसंपर्क विभाग क्यों नहीं कर पा रहा है शासकीय धन न बसूलना भी अपराध की श्रेणी में आता है ।नये आयुक्त को इन सब बातों पर ध्यान देना होगा और विभाग में एक ही शाखा में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को भोपाल से बाहर जिलों में पदस्थ करना होगा तभी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान भ्रष्टाचार मुक्त भारत की कल्पना साकार होगी।राधावल्लभ शारदा प्रांतीय अध्यक्ष एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल

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