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*सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में कुछ सहमति के बाद गतिरोध समाप्त हुआ , एफआईआर दर्ज हुई*

*सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में कुछ सहमति के बाद गतिरोध समाप्त हुआ , एफआईआर दर्ज हुई*

जयपुर से रामदयाल मीणा के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित
28 घंटे बाद टूटा गतिरोध, दर्ज हुई एफआईआर मांगों गोगामेड़ी पर बनी सहमति
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के बाद उपजा गतिरोध समाप्त हो गया है. वारदात के बाद करीब 28 घंटे तक वार्ताओं के कई दौर चले. उसके बाद कुछ मांगों पर पर सहमति बन गई है. इससे अब शव के पोस्टमार्टम करवाने का रास्ता साफ हो गया है.

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की
मंगलवार को हुई हत्या के बाद बुधवार को पूरा राजस्थान बंद रहा.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की मंगलवार को हुई हत्या के बाद बुधवार को पूरा राजस्थान बंद रहा.

परिजनों ने दर्ज कराई आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट
अब एनआईए करेगी सुखदेव सिंह हत्याकांड की जांच

राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद पैदा हुआ गतिरोध आखिरकार 28 घंटे बाद टूट गया है. गोगामेड़ी के परिजनों ने रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है. पुलिस प्रशासन और सुखदेव सिंह के परिजनों तथा समाज के लोगों के बीच कई दौर की बातचीत होने के बाद मामला पटरी पर आया. वार्ता में कुछ प्रमुख मांगों पर सहमति बनने के बाद परिजन एफआईआर लिखवाने के लिए तैयार हुए.
प्रमुख मांगों में से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के परिवार को सुरक्षा मुहैया करवाने और एक परिजन को सरकारी नौकरी की मांग सहमति बनी है. इसके अलावा हत्याकांड की जांच एनआईए से करवाने की मांग भी मान ली गई है. उसके बाद अब शव का पोस्टमार्टम करवाए जाने पर भी सहमति बन गई है. लेकिन परिजन अभी भी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. जयपुर के मेट्रो मास अस्पताल के आगे अभी भी हजारों की तादाद में लोग जुटे हुए हैं
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इससे पहले जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ राजपूत समाज की मांगपत्र लेकर मेट्रो मास अस्पताल से मुख्य सचिव के पास गए थे. वहीं करणी सेना के महिपाल सिंह मकराना ने मांगों को लेकर लिखित सहमति नहीं मिलने पर चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के परिजनों ने पूरे केस को लेकर पुलिस प्रशासन के सामने 8 मांगें रखी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सभी मागों पर मौखिक सहमति तो बन गई थी. लेकिन परिजन लिखित सहमति पर ही आगे कदम उठाने की बात पर अड़ गए थे.
पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने पूरे मामले की जांच के लिए ADG क्राइम दिनेश एमएन के सुपरविजन में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर दी थी. उसके बाद एडीजी दिनेश एमएन ने श्याम नगर जाकर घटनास्थल पर मौका मुआयना किया. उनके साथ एसआईटी टीम में शामिल सीआईडी सीबी पुलिस अधीक्षक करण शर्मा, अतिरक्त पुलिस अधीक्षक विद्याप्रकाश और एसीपी (जयपुर पूर्व) संजीव भटनागर और हैडकांस्टेबल नरेंद्र सिंह की टीम भी वहां पहुंची.

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