*Lok sabha लोकसभा चुनाव 400 पार लक्ष्य को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तय किया जायेंगे, तथा नीचे स्तर के कार्यकर्ताओं का ध्यान*
भोपाल से राधावल्लभ शारदा की विशेष रपट महादण्ड न्यूज. काम के लिए
जानकारी के अनुसार आला कमान मतलब प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सीएम बनाने को लेकर कतई जल्दबाजी में नहीं ।।
लोकसभा चुनाव के लिए समीकरण साधते हुए किया जाएगा मुख्यमंत्री ही नहीं मंत्री मंडल के साथ विभिन्न निगम मंडल में भी उन्हीं चेहरों को शामिल किया जाएगा। पिछले अनुभवों को देखते हुए विभिन्न निगम मंडल में विधायकों के स्थान पर पार्टी के उन कार्यकर्ताओं को मनोनीत किया जाएगा जिन्होंने विधानसभा चुनाव में कमर टोड मेहनत की है। इसी के साथ वूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को भी तब्बजो देने की रणनीति पर काम किया जाएगा।
इस रणनीति के अनुसार भाजपा के पास कई विकल्प हैं यहां विकल्प को लेकर कोई संकट नहीं है। ‘हिट’ या कहें कि चर्चित चेहरों की कतार है, लेकिन पार्टी आलाकमान की नजरें इनमें से उन चेहरों को तलाश रही हैं, जो न सिर्फ राज्यों में सक्षम नेतृत्व दे सकें, बल्कि अगले वर्ष होने जा रहे लोकसभा चुनाव के दृष्टिकोण से भी प्रत्येक समीकरण में ‘फिट’ बैठते हों।
चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम रविवार को सामने आ गए। इनमें मध्य प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर की आशंकाओं को खारिज करते हुए भाजपा ने प्रचंड बहुमत प्राप्त कर सत्ता में वापसी की तो कांग्रेस के हाथ से अप्रत्याशित रूप से छत्तीसगढ़ और राजस्थान को भी छीन लिया।
हां, तेलंगाना में जरूर कांग्रेस को सत्ता मिल गई। इसमें कोई संदेह नहीं कि भाजपा द्वारा जीते गए इन तीनों ही राज्यों में ‘मोदी मैजिक’ मतदाताओं से सिर चढ़कर बोला है, लेकिन टीम वर्क के रूप में स्थानीय नेताओं की भूमिका को भी सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता।
इस तेज चर्चा के बीच भाजपा नेतृत्व की ओर से पूरी तरह से खामोशी है। यहां तक कि इन राज्यों में मुख्यमंत्री चयन को लेकर अभी तक पर्यवेक्षक तक की नियुक्ति नहीं की गई है।
कुल मिलाकर इस सारे मंथन के केंद्र में मिशन-2024 भी है। भाजपा के शीर्ष रणनीतिकार मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक का चयन इस तरह सभी समीकरण साधते हुए करना चाहते हैं, जिसके लिए लोकसभा चुनाव की बिसात मजबूत और संतुलित ढंग से बिछाई जा सके।