*Only for अंतर मात्र 26 पैसे का, जीएसटी विभाग ने भेज दिया नोटिस*
भोपाल से राधावल्लभ शारदा के द्वारा संपादित
जीएसटी विभाग के पांच साल पुराने नोटिस से शहर के करीब 20 हजार व्यापारी और उद्यमी परेशान हैं। टैक्स में 24 पैसे के अंतर पर कारोबारियों को नोटिस दे दिया गया है और विक्रेताओं के टैक्स न जमा करने की सजा क्रेताओं को मिल रही है। ये बातें कारोबारियों ने बुधवार को मलदहिया स्थित प्लाजा में आईआईए (इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) की बैठक में जीएसटी ग्रेड वन और टू के कमिश्नर से कहीं।
उद्यमियों ने आरोप लगाया कि जीएसटी के अफसर सुविधा शुल्क मांगते हैं। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने बताया कि पंजीकृत विक्रेता द्वारा जीएसटी न जमा किए जाने पर उसकी वसूली पांच साल बाद पंजीकृत क्रेता से 24 प्रतिशत ब्याज के साथ करना अतर्कसंगत और अवैधानिक है। द स्माॅल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश भाटिया ने कहा कि विक्रेता द्वारा जीएसटीआर-1 निर्धारित समय सीमा के बाद दाखिल करने पर क्रेता पर दंड स्वरूप जीएसटी 3बी में ली गई आईटीसी को 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित जमा करने के लिए नोटिस दिया गया है। बैठक के दौरान जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन प्रिंस कुमार व ग्रेड टू यूपी सिंह ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि किसी भी कारोबारी का उत्पीड़न नहीं होगा। जीएसटी काउंसिल तक बात पहुंचाई जाएगी। बैठक में मिर्जापुर, भदोही, गाजीपुर, जौनपुर, मऊ, आजमगढ़ और चंदौली के उद्यमी शामिल रहे। इस दौरान जेसी रेंज कमला प्रसाद, जेसी टैक्स ऑडिट अरविंद कुमार दोहरे, सलभ शर्मा, उद्यमी उमा शंकर अग्रवाल, यूआर सिंह मौजूद रहे।