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हमारे संविधान में भारत के लोग सबसे ऊपर’ पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा*

*हमारे संविधान में भारत के लोग सबसे ऊपर’ पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा*

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने संविधान दिवस पर कहा कि संविधान को भारतीय नागरिकों पर थोपा नहीं गया है। उन्होंने खुद इसे अपने ऊपर लागू किया है। संविधान में भारत के लोग सबसे ऊपर हैं।
भारत के पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना हमारे देश की संवैधानिक विचारधारा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। वह संविधान दिवस को लेकर बेनेट यूनिवर्सिटी में आयोजित एक सप्ताह के कार्यक्रम के समापन समारोह के दौरान बोल रहे थे। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना की शुरुआत ‘हम भारत के लोग’ से होती है, जिससे साफ पता चलता है हमारे संविधान में लोग ही सबसे ऊपर हैं। प्रस्तावना के अंतिम हिस्से में कहा गया है कि ‘इसे लोगों द्वारा खुद को दिया गया।’
‘संविधान को भारतीय नागरिकों पर थोपा नहीं गया’
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि इससे पता चलता है कि संविधान को भारतीय नागरिकों पर थोपा नहीं गया है। उन्होंने खुद इसे अपने ऊपर लागू किया है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावना में ही संविधान भारत को सेकुलर स्टेट बताता है। सेकुलर होने के कॉन्सेप्ट का मतलब है कि राज्य का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है। संविधान ना सिर्फ लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है, बल्कि उन लोगों को भी स्वतंत्रता देता है जिनका कोई धर्म नहीं है। यह राज्य को धर्म के आधार पर कोई भी भेदभाव करने से भी रोकता है।

‘आजाद आवाजों को दबाना लोकतंत्र के लिए नहीं हो सकता अच्छा संकेत’

उन्होंने कहा कि स्टेट की प्राथमिक जिम्मेदारी एक धर्मनिरपेक्ष, बहुलवादी और कई संस्कृतियों वाली सामाजिक व्यवस्था को बढ़ावा देना है, ताकि विचारों और मान्यताओं के मामले में एक दूसरे से विरोधी नजरिया रखने वाले भी एक-दूसरे के साथ रह सकें। आजाद आवाजों को दबाना सच्चे लोकतंत्र के लिए कभी भी अच्छा संकेत नहीं हो सकता।

बेनेट यूनिवर्सिटी में रविवार को संविधान दिवस पर आयोजित एक सप्ताह का सेलिब्रेशन पूरा हुआ, जिसकी शुरुआत 18 नवंबर को हुई थी। इस दौरान ‘ट्रांसफॉर्मेटिव कॉस्टिट्यूशन इन इंडिया’ पर एक इंटरनैशनल कॉन्फ्रेंस हुई, जिसमें कानून की दुनिया से जुड़ी कई शख्सियतों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा भी कई कार्यक्रम और कॉम्पिटिशन भी हुए। भारत में 2015 से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन साल 1949 में संविधान सभा में भारतीय संविधान को अडॉप्ट किया था।

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