*बात समाचार पत्रों के मालिकों की समस्याओं की।धन, श्रम और समय का बोझ कम करने*
भोपाल, समाचार पत्र छोटा हो या बड़ा उसकी एक एक प्रति, जनसंपर्क विभाग में 15 तारीख तक मतलब अप्रैल का अंक मई की 15 तारीख तक जमा करना अनिवार्य है उसके बाद जमा नहीं कर सकते हैं। पोर्टल बंद हो जाता है।
बहुत ही अच्छा नियम है 15 दिन का समय मिल रहा है।
अब प्रश्न यह है कि क्या ये नियम सभी पर लागू होते हैं यदि हां तो फिर मध्यप्रदेश शासन का मासिक,*मध्यप्रदेश संदेश* के साथ भी नियम लागू होगा।
मध्यप्रदेश संदेश भोपाल से प्रकाशित होता है, व्यक्तिगत रूप से जनसंपर्क विभाग के जिला कार्यालय में प्रकाशन के माह के बाद अगले माह की 15 तारीख तक जमा हो गया होगा यह मेरा मानना है।
आज मेरे घर कोरियर से आया बह अंक मार्च 2025 का है।
कोरियर से भोपाल में एक माह चार दिन में मध्यप्रदेश संदेश जो कि सरकार का प्रकाशन है मिलना सोचनीय विषय है।
खैर सरकार का काम समय पर बैसे भी बहुत कम होता है यह गलती कोरियर कंपनी की है।
सरकार के जनसंपर्क विभाग में भी कुछ नियमों में बदलाव की आवश्यकता है जो समाचार पत्र एवं पत्रिका वषों से नियमित प्रकाशित हो रही है उनके साथ भी न्याय होना चाहिए।
प्रति माह के स्थान पर तीन माह के अंक एक साथ जमा कराने से जहां समाचार पत्रों के मालिकों को राहत मिलेगी बहीं सरकार को भी अतिरिक्त कर्मचारी की व्यवस्था नहीं करनी होगी। यह नियम सभी जिला जनसंपर्क कार्यालय में लागू किया जाना चाहिए। इसी के साथ मुख्यालय भोपाल में जमा करने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
पत्र सूचना कार्यालय में भी नियम इसी तरह से होना चाहिए कारण मध्यप्रदेश के ग्रामीण अंचल से भी समाचार पत्रों का प्रकाशन होता है जिनकी भोपाल से दूरी 500 से 700 किलोमीटर है इतनी दूर से आने में समय, श्रम और धन अतिरिक्त खर्च होता है इस स्थिति से निपटने के लिए मध्यप्रदेश सरकार के जिला जनसंपर्क कार्यालय में ही जमा कराने का नियम लागू करना चाहिए।
जिला जनसंपर्क कार्यालय से प्राप्त पाबती को केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय के द्वारा मान्यता देनी चाहिए।
असेंबली आफ एमपी जर्नलिस्ट्स से जुड़े बहुत से सदस्य समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं का प्रकाशन करते हैं अतः उनकी समस्या पर भी ध्यान देना आवश्यक है और इस मांग का एक पत्र असेंबली आफ एमपी जर्नलिस्ट्स के द्वारा केंद्र सरकार के सूचना प्रसारण मंत्री के साथ ही आर एन आई के निदेशक को लिखा गया है।
देखते है राज्य और केन्द्र सरकार कब तक इस मामले पर निर्णय लेती है।
केंद्र और राज्य सरकार को सोचना होगा कि उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों को आम जनता तक पहुंचाने का काम मीडिया ही करता है जिसमें प्रिंट मीडिया की अहम् भूमिका होती है।
राधावल्लभ शारदा
प्रांतीय अध्यक्ष
असेंबली आफ एमपी जर्नलिस्ट्स।
मुख्यालय, भोपाल
9425609484
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